Tuesday, August 27, 2019

दुनिया का सबसे ताकतवर पोषण पूरक आहार है- सहजन (मुनगा)। इसकी जड़ से लेकर फूल, पत्ती, फल्ली, तना, गोंद हर चीज उपयोगी होती है।
           आयुर्वेद में सहजन से तीन सौ रोगों का उपचार संभव है। सहजन के पौष्टिक गुणों की तुलना :- विटामिन सी- संतरे से सात गुना अधिक। विटामिन ए- गाजर से चार गुना अधिक। कैलशियम- दूध से चार गुना अधिक। पोटेशियम- केले से तीन गुना अधिक। प्रोटीन- दही की तुलना में तीन गुना अधिक।
            स्वास्थ्य के हिसाब से इसकी फली, हरी और सूखी पत्तियों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन-ए, सी और बी-काम्प्लेक्स प्रचुर मात्रा में पाई जाते हैं। इनका सेवन कर कई बीमारियों को बढ़ने से रोका जा सकता है, इसका बॉटेनिकल नाम ' मोरिगा ओलिफेरा ' है। हिंदी में इसे सहजना, सुजना, सेंजन और मुनगा नाम से भी जानते हैं, जो लोग इसके बारे में जानते हैं, वे इसका सेवन जरूर करते हैं।
          सहजन का फूल पेट और कफ रोगों में, इसकी फली वात व उदरशूल में, पत्ती नेत्ररोग, मोच, साइटिका, गठिया आदि में उपयोगी है। इसकी छाल का सेवन साइटिका, गठिया, लीवर में लाभकारी होता है। सहजन के छाल में शहद मिलाकर पीने से वात और कफ रोग खत्म हो जाते हैं।
          सहजन की पत्ती का काढ़ा बनाकर पीने से गठिया, साइटिका, पक्षाघात, वायु विकार में शीघ्र लाभ पहुंचता है। साइटिका के तीव्र वेग में इसकी जड़ का काढ़ा तीव्र गति से चमत्कारी प्रभाव दिखाता है। मोच इत्यादि आने पर सहजन की पत्ती की लुगदी बनाकर सरसों तेल डालकर आंच पर पकाएं और मोच के स्थान पर लगाने से जल्दी ही लाभ मिलने लगता है।
            सहजन के फली की सब्जी खाने से पुराने गठिया, जोड़ों के दर्द, वायु संचय, वात रोगों में लाभ होता है। इसके ताजे पत्तों का रस कान में डालने से दर्द ठीक हो जाता है साथ ही इसकी सब्जी खाने से गुर्दे और मूत्राशय की पथरी कटकर निकल जाती है। इसकी जड़ की छाल का काढ़ा सेंधा नमक और हींग डालकर पीने से पित्ताशय की पथरी में लाभ होता है।
          सहजन के पत्तों का रस बच्चों के पेट के कीड़े निकालता है और उल्टी-दस्त भी रोकता है। ब्लड प्रेशर और मोटापा कम करने में भी कारगर सहजन का रस सुबह-शाम पीने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ होता है। इसकी पत्तियों के रस के सेवन से मोटापा धीरे-धीरे कम होने लगता है। इसकी छाल के काढ़े से कुल्ला करने पर दांतों के कीड़े नष्ट होते हैं और दर्द में आराम मिलता है।
            सहजन के कोमल पत्तों का साग खाने से कब्ज दूर होता है, इसके अलावा इसकी जड़ के काढ़े को सेंधा नमक और हींग के साथ पीने से मिर्गी के दौरों में लाभ होता है। इसकी पत्तियों को पीसकर लगाने से घाव और सूजन ठीक होते हैं।
          सहजन के बीज से पानी को काफी हद तक शुद्ध करके पेयजल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके बीज को चूर्ण के रूप में पीसकर पानी में मिलाया जाता है। पानी में घुल कर यह एक प्रभावी नेचुरल क्लोरीफिकेशन एजेंट बन जाता है। यह न सिर्फ पानी को बैक्टीरिया रहित बनाता है, बल्कि यह पानी की सांद्रता को भी बढ़ाता है।
            कैंसर तथा शरीर के किसी हिस्से में बनी गांठ, फोड़ा आदि में सहजन की जड़ का अजवाइन, हींग और सौंठ के साथ काढ़ा बनाकर पीने का प्रचलन है। यह काढ़ा साइटिका (पैरों में दर्द), जोड़ों में दर्द, लकवा, दमा, सूजन, पथरी आदि में भी लाभकारी है |
            सहजन के गोंद को जोड़ों के दर्द तथा दमा आदि रोगों में लाभदायक माना जाता है। आज भी ग्रामीणों की ऐसी मान्यता है कि सहजन के प्रयोग से वायरस से होने वाले रोग, जैसे चेचक आदि के होने का खतरा टल जाता है।
           सहजन में अधिक मात्रा में ओलिक एसिड होता है, जो कि एक प्रकार का मोनोसैच्युरेटेड फैट है और यह शरीर के लिए अति आवश्यक है। सहजन में विटामिन-सी की मात्रा बहुत होती है। यह शरीर के कई रोगों से लड़ता है। यदि सर्दी की वजह से नाक-कान बंद हो चुके हैं तो, सहजन को पानी में उबालकर उस पानी का भाप लें। इससे जकड़न कम होती है। सहजन में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है, जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं। इसका जूस गर्भवती को देने की सलाह दी जाती है, इससे डिलवरी में होने वाली समस्या से राहत मिलती है और डिलवरी के बाद भी मां को तकलीफ कम होती है, गर्भवती महिला को इसकी पत्तियों का रस देने से डिलीवरी में आसानी होती है।
           सहजन के फली की हरी सब्जी को खाने से बुढ़ापा दूर रहता है इससे आंखों की रोशनी भी अच्छी होती है। सहजन को सूप के रूप में भी पी सकते हैं,  इससे शरीर का खून साफ होता है।
            सहजन का सूप पीना सबसे अधिक फायदेमंद होता है। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। विटामिन सी के अलावा यह बीटा कैरोटीन, प्रोटीन और कई प्रकार के लवणों से भरपूर होता है, यह मैगनीज, मैग्नीशियम, पोटैशियम और फाइबर से भरपूर होते हैं। यह सभी तत्व शरीर के पूर्ण विकास के लिए बहुत जरूरी हैं।
            कैसे बनाएं सहजन का सूप? सहजन की फली को कई छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लेते हैं। दो कप पानी लेकर इसे धीमी आंच पर उबलने के लिए रख देते हैं, जब पानी उबलने लगे तो इसमें कटे हुए सहजन की फली के टुकड़े डाल देते हैं, इसमें सहजन की पत्त‍ियां भी मिलाई जा सकती हैं, जब पानी आधा बचे तो सहजन की फलियों के बीच का गूदा निकालकर ऊपरी हिस्सा अलग कर लेते हैं, इसमें थोड़ा सा नमक और काली मिर्च मिलाकर पीना चाहिए।
           १. सहजन के सूप के नियमित सेवन से सेक्सुअल हेल्थ बेहतर होती है. सहजन महिला और पुरुष दोनों के लिए समान रूप से फायदेमंद है।
           २. सहजन में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाया जाता है जो कई तरह के संक्रमण से सुरक्षित रखने में मददगार है. इसके अलावा इसमें मौजूद विटामिन सी इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने का काम करता है।
          ३. सहजन का सूप पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाने का काम करता है, इसमें मौजूद फाइबर्स कब्ज की समस्या नहीं होने देते हैं।
          ४. अस्थमा की शिकायत होने पर भी सहजन का सूप पीना फायदेमंद होता है. सर्दी-खांसी और बलगम से छुटकारा पाने के लिए इसका इस्तेमाल घरेलू औषधि के रूप में किया जाता है।
          ५. सहजन का सूप खून की सफाई करने में भी मददगार है, खून साफ होने की वजह से चेहरे पर भी निखार आता है।
          ६. डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए भी सहजन के सेवन की सलाह दी जाती है।

Friday, August 9, 2019

आयुर्वेद से आप बीमार ही नहीं होंगे और यदि बीमार है तो पूर्णत ठीक हो जाऐंगे।

बहुत सी बीमारियों को ठीक करने का एक आयुर्वेद टॉनिक


महर्षि कर्मवीर जी महाराज के आशीर्वाद से तैयार एक ऐसा टॉनिक जो आपकी बहुत सी बीमारी को जड़ से खत्म कर सकता है।

EMR >  Energy Management Regulator 
 यह अमाशय के बीटा कोशिकाओं को स्वत: इंसुलिन निर्माण के लिए प्रेरित करती है फल स्वरुप मधुमेह को पूरी तरह नियंत्रित करने में कारगर भूमिका निभाती है।
  •  यह रक्तचाप को भी नियंत्रित रखती है ।
  • यह डायबिटीज को ठीक करने में सहायक है
  • यह प्रीडायबिटीज को डायबिटीज होने से बचाती है।
  • यह डायबिटीज के बुरे प्रभाव जैसे मांसपेशियों का दर्द किडनी की खराबी आदि को दूर करती है।
  • खून को बढ़ाने के साथ-साथ दिल को शक्ति प्रदान करने का असरकारक टॉनिक है।
  • खून के  बहाव को नियंत्रित करती है और  प्लाक  के खतरे से बचाती है।
  •  माइग्रेन को  पूर्ण रूप से ठीक कर देती है।
  • लिपिड प्रोफाइल को व्यवस्थित रखती है।
  • थायराइड ग्रंथियों को सुचारू रूप से कार्य करने में सहायक है जिससे कि हाइपो थायराइड और हाइपर थायराइड धीरे-धीरे खत्म हो जाती है।
  • दिल और दिमाग को शक्ति प्रदान करने का असर कारक टॉनिक है।
  • बवासीर को ठीक करने में सहायक है।
  •  कब्ज को खत्म करती है।
  • अम्लता में तुरंत फायदा करती है। पेट की गैस जलन एवं  अपच में इसके प्रयोग से पूर्ण लाभ मिलता है।
  •  पाचन क्रिया में सहायता कर मेटाबॉलिज्म क्रिया को मजबूत बनाती है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है ऊर्जा के स्तर को बनाए रखती है।
More Details & oder for home delivery  Contact us call or whatsapp 9817032269

प्रकृति को अच्छा बनाने के लिए पॉलिथीन प्रयोग ना करें करें और पेड़ जरूर लगाएं!

Thursday, August 8, 2019

महर्षि कर्मवीर महाराज जी


Yoga Guru Swami Karamveer Maharaj Jiwho accomplished Ayurveda exponent and founded Divya Yoga Trust (now Patanjali Yogpeeth) along with Swami Ramdev Ji and Acharya Balkrishna Ji. They started their journey together in 1990 and established the Divya Yoga Trust in Haridwar. Baba Ramdev Ji continues to hold Yogaguru Swami Karamveer Maharaj Ji in high reverence - in his own words



Sawami Karmveer Maharaj Ji own Ashram at Lonavala in Maharashtra and then at Purkaji on the bank of holy Ganga in Uttar Pradesh.  In these Ashrams, he extended his pursuit of application of Yoga & Ayurveda  
https://swamijiayurved.blogspot.com/2019/08/sugar-diabetes.html for the mankind and shared in his Gurukul among the devotees for propagating through his own proprietary formulations based on the knowledge enshrined by the father of Ayurveda Maharishi Patanjali.

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Sunday, August 4, 2019

शुगर डायबिटीज जड़ से खत्म / Sugar Diabetes

 शुगर डायबिटीज को जड़ से खत्म करने का टॉनिक

महर्षि कर्मवीर जी महाराज के आशीर्वाद से तैयार एक ऐसा टॉनिक जो आपकी शुगर को जड़ से खत्म कर सकता है।

EMREnergy Management Regulator 
 यह अमाशय के बीटा कोशिकाओं को स्वत: इंसुलिन निर्माण के लिए प्रेरित करती है फल स्वरुप मधुमेह को पूरी तरह नियंत्रित करने में कारगर भूमिका निभाती है।
  •  यह रक्तचाप को भी नियंत्रित रखती है ।
  • यह डायबिटीज को ठीक करने में सहायक है
  • यह प्रीडायबिटीज को डायबिटीज होने से बचाती है।
  • यह डायबिटीज के बुरे प्रभाव जैसे मांसपेशियों का दर्द किडनी की खराबी आदि को दूर करती है।
  • खून को बढ़ाने के साथ-साथ दिल को शक्ति प्रदान करने का असरकारक टॉनिक है।
  • खून के  बहाव को नियंत्रित करती है और  प्लाक  के खतरे से बचाती है।
  •  माइग्रेन को  पूर्ण रूप से ठीक कर देती है।
  • लिपिड प्रोफाइल को व्यवस्थित रखती है।
  • थायराइड ग्रंथियों को सुचारू रूप से कार्य करने में सहायक है जिससे कि हाइपो थायराइड और हाइपर थायराइड धीरे-धीरे खत्म हो जाती है।
  • दिल और दिमाग को शक्ति प्रदान करने का असर कारक टॉनिक है।
  • बवासीर को ठीक करने में सहायक है।
  •  कब्ज को खत्म करती है।
  • अम्लता में तुरंत फायदा करती है। पेट की गैस जलन एवं  अपच में इसके प्रयोग से पूर्ण लाभ मिलता है।
  •  पाचन क्रिया में सहायता कर मेटाबॉलिज्म क्रिया को मजबूत बनाती है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है ऊर्जा के स्तर को बनाए रखती है।
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